विश्व हिंदी दिवस हिंदी भाषा का महत्व विशेष रूप से भारतीय सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता में है।
हिंदी भाषा का इतिहास
विश्व हिंदी दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 10 जनवरी को किया जाता है, क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी का जन्मदिन होता है और वह हिंदी भाषा के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए थे। हिंदी को बचाने और बढ़ावा देने के लिए इस दिन को चुना गया है।
विश्व हिंदी दिवस का आयोजन पहली बार 2006 में किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य है हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और विश्व भर में हिंदी भाषा के महत्व को बताना है। इस दिन के माध्यम से हिंदी भाषा के सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक महत्व को प्रमोट किया जाता है।
हिंदी भाषा का महत्व
हिंदी भाषा का महत्व विशेष रूप से भारतीय सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता में है। यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं:
1. **राष्ट्रीय एकता:** हिंदी भाषा भारत की एक सामान्य भाषा है जो विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में बोली जाती है, और इससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलती है।
2. **सांस्कृतिक विरासत:** हिंदी भाषा भारतीय सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें कई महत्वपूर्ण ग्रंथों, कविताओं, और नृत्य-संगीत के रूप में शामिल हैं।
3. **व्यापार और रोजगार:** हिंदी भाषा का ज्ञान व्यापार और रोजगार के क्षेत्र में एक बड़ा लाभ हो सकता है, क्योंकि यह भारत के अधिकांश क्षेत्रों में संवाद का माध्यम है।
4. **शिक्षा और ज्ञान:** हिंदी भाषा में शिक्षा और ज्ञान का स्रोत होने के कारण, इसका महत्व शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा है। हिंदी में अध्ययन करने से भारतीय साहित्य, विज्ञान, और सामाजिक विज्ञान में समृद्धि होती है।
5. **रोजगार के अवसर:** हिंदी भाषा का ज्ञान आधुनिक व्यावासायिक दुनिया में भी बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह अनेक क्षेत्रों में काम करने के लिए एक और साधन प्रदान करता है।
विश्व हिंदी दिवस का महत्व
विश्व हिंदी दिवस का महत्व है क्योंकि यह एक ऐसा प्रतिष्ठित और सार्वजनिक अवसर है जो हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और समृद्धि में मदद करने का माध्यम है। इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
- हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का सामर्थ्य: विश्व हिंदी दिवस भारतीय भाषा और साहित्य को विश्व में प्रस्तुत करने का मौका प्रदान करता है और हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा देता है।
- भाषा के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व की सजीव रखरखाव: इस दिवस से हम अपनी भाषा के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को सजीव रखने का संकल्प लेते हैं और इसे समृद्धि में बनाए रखने के लिए कदम उठाते हैं।
- हिंदी भाषा की बढ़ती पहचान: विश्व हिंदी दिवस भारत की राष्ट्रभाषा को और भी अधिक पहचान दिलाने में मदद करता है और विभिन्न विषयों में हिंदी की उपयोगिता को बढ़ावा देता है।
- भाषा के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट: यह दिवस हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने का मौका प्रदान करता है और अन्य भाषाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
इस प्रकार, विश्व हिंदी दिवस एक महत्वपूर्ण घड़ी है जो हिंदी भाषा के प्रशासनिक, साहित्यिक, और सांस्कृतिक पहलुओं को प्रमोट करने का अवसर प्रदान करता है।
हिंदी दिवस भाषण
प्रिय सभी मित्रों और महानुभावों,
आप सभी को विशेष रूप से हिंदी दिवस के इस शुभ अवसर पर आमंत्रित करता हूँ। हिंदी भाषा हमारे सांस्कृतिक और राष्ट्रीय धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें एक सजीव और जिज्ञासु मानव समाज के साथ जोड़ती है।
हिंदी, न केवल भाषा के रूप में, बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं और समृद्धि की भाषा के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसी साधना है जो हमारे देशवासियों को एक समान और संबोधित महसूस कराती है।
हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी भाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए और इसे सुरक्षित रखने के लिए हमें उसका समर्थन करना चाहिए। हमें यहाँ एक साथी के रूप में हिंदी को स्वीकार करना चाहिए और इसे बढ़ावा देने के लिए हमें अपने दैहिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के साथ काम करना चाहिए।
इस दिवस पर, हम सभी को एकजुट होकर हिंदी को समृद्धि और प्रसार का संकल्प लेने का आह्वान है। हमें इस महत्वपूर्ण संस्कृति को अपने आत्म-विकास में शामिल करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिंदी का महत्व हमें हमेशा याद रहे।
धन्यवाद।
भारत में हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?
क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी–दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन कहाँ किया गया था
12वां विश्व हिंदी सम्मेलन 15-17 फरवरी 2023 तक फिजी में आयोजित किया जा रहा है।
देश का पहला राज्य जिसने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया
देश का पहला राज्य जो हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था, वह मध्य प्रदेश था। इसे 1956 में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।